Buds and Blossoms
Saturday, September 24, 2011
केशव
और
श्यामा
की
माता
जी
घर
के
कामों
में
बहुत
व्यस्त
रहती
थीं
और
उनके
पिता
के
पास
पढ़ाई
-
लिखाई
का
कार्य
हुआ
करता
था
।
उन
दोनों
के
सवालों
का
जवाब
देने
के
लिए
कोई
नहीं
रहा
था
इसलिए
वे
स्वयं
ही
एक
दूसरे
के
सवालों
का
जवाब
देकर
तसल्ली
दे
दिया
करते
थे।
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